बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्रखंड के गम्हरिया गांव में सरस्वती पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है। पूजा को लेकर ग्रामीणों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। मंदिर के आस-पास के जगहों को साफ़ सफाई कर रंगरोंगन का काम चल रहा है। विगत वर्षों के भांति भी इस बार भव्य पूजनोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इस बाबत पूजा समिति के सदस्य पिंकू मिश्रा, विकास झा, नारायण झा, तारकेश्वर मिश्रा, अमन मिश्रा, प्रमोद झा, नितिन मिश्रा, बासुकी झा, संजय झा सहित अन्य ने बताया कि पूजा की संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा। दूर दराज से आने वाले श्रधालुओं के लिए खास व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि मधुबनी जिला मुख्यालय से 27 किमी की दूरी पर बेनीपट्टी प्रखंड के मनपौर पंचायत के गम्हरिया गांव में अंकुरित सरस्वती माता का स्थान है। यह जिले का एकमात्र सरस्वती मंदिर है जहां पर मां शारदे की अंकुरित प्रतिमा है। काले रंग के दिव्य शिलाखंड पर ढ़ाई फुट की अंकुरित मां सरस्वती की मूर्ति है। मंदिर के संदर्भ में ग्रामीण बताते हैं कि 1948 में गम्हरिया गांव के डीह के निकट से मिट्टी खोदने के दौरान अंकुरित सरस्वती माता की मूर्ति मिली थी। ग्रामीणों के सहयोग से मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा खुदाई स्थल के पास ही की गई। इसके बाद कुछ वर्ष पहले मंदिर का भव्य रूप से निर्माण किया गया है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन चूका है। यहां पूजा सहित आम दिनों में भी पड़ोसी देश नेपाल से श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है। यहां बीते 71 वर्षों से अंकुरित सरस्वती माता की पूजा धूमधाम से की जाती है. सरस्वती मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह शाम पूजा, आरती एवं भव्य शृंगार होता है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के दिन अंकुरित सरस्वती माता को विधि-विधान से 56 प्रकार का भोग लगाया जाता है। आस्था का केंद्र बने इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां मां सरस्वती से सच्चे मन से मांगने वाले कभी खाली हाथ नहीं लौटते।


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