बेनीपट्टी (मधुबनी)। प्रखंड के मेघदूतम के सभागार में प्शु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से प्रखंड के मछुआरों की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। कार्यक्रम की विधिवत् शुरुआत प्रखंड प्रमुख सोनी देवी ने किया। प्रशिक्षण राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद के तहत जिला मत्स्य कार्यालय के द्वारा कराई जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित पचास मछुआरों को संबोधित करते हुए बीडीओ डा. अभय कुमार ने कहा कि अब पूर्व जैसा कुछ भी नहीं रह गया है। कृषि के साथ अब मत्स्य पालन भी अब प्रशिक्षण के बिना संभव नहीं है। प्रशिक्षण लिए जाने के बाद मछली पालक मछली में होने वाली बीमारियों को समय पर पहचान कर उपचार कर सकता है। अन्यथा बीमारी रहित मछली पूरे तालाब के मछली को खत्म कर सकता है। इसलिए, विभाग की ओर से दिए जा रहे प्रशिक्षण से सभी मछुआरों को लाभ लेना चाहिए। वहीं प्रमुख सोनी देवी ने कहा कि मछली पालन करने में अब काफी प्रशिक्षण की आवश्यकता है। प्रमुख ने कहा कि तालाब के प्रदूषित पानी से मछली कई बीमारी से ग्रसित हो जाती है। ऐसे मछली का सेवन भी हानिकारक है। प्रमुख ने बताया कि मछली पालन से पूर्व अगर मछुआरा बेहतर ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त कर लेता है, तो उक्त प्रशिक्षण का लाभ अपने कार्यक्षेत्र में कर सकता है। मछुआ सोसायटी के अंचल मंत्री सुधीर सहनी ने मछुआरों को संबोधित करते हुए कहा ि कइस प्रशिक्षण के जरीये आप बेहतर मछुआरा बन सकते है। श्री सहनी ने कहा कि मछली में पोषक तत्वों की कमी, दूषित जल, दोषपूर्ण प्रबंधन, आवश्यकता से अधिक संयचन, तापक्रम बढने समेत कई ऐसे चीज है। जिससे मछली को बीमारी हो जाती है। श्री सहनी ने कहा कि कुशल प्रबंधन के द्वारा उचित देख-रेख एवं रख-रखाव के साथ सभी फिजियोकेमिकल पारामीटर को संतुलन में मेंटेन रखा जाए, तो मछली में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है। वहीं प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक के द्वारा मछली पालकों को मछली में पाए जाने वाली बीमारियों की पहचान बता कर उसके उपचार के संबंध में जानकारी दी गयी। जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सूर्यप्रकाश राम ने बताया कि बेनीपट्टी में सबसे पहले प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मछुआरों को मछली पालन के बेहतर तरीके व कुशल प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी। मौके पर राजेश यादव समेत कई कर्मी व मछुआरा मौजूद थे।