बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी में शिक्षा के स्तर में नियमित पदाधिकारी नहीं होने के कारण लगातार गिरावट आ रही है।बिहार के कुल तैंतीस पंचायतों वाले बड़े प्रखंडों में शामिल बेनीपट्टी में पिछले दो वर्षों से प्रभार वाले बीइओ के भरोसे 215 प्राइमरी और मिडिल स्कूल के तकरीबन 70 हजार नौनिहालों का भविष्य संवारने की कोशिश शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। इतने पंचायतों वाले बड़े प्रखंड में स्थाई रूप से बीइओ की तैनाती नहीं रहने के कारण शिक्षा विभाग का नियंत्रण विधालयों पर नहीं के बराबर रह गया है। बेनीपट्टी शिक्षा विभाग का प्रखंड संसाधन केंद्र पिछले दो वर्षों से भूतबंगला में तब्दील होता जा रहा है। कभी शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मियों की आपाधापी से दिन से लेकर रात तक गुलजार रहने वाले बीआरसी पर वर्तमान में विरानगी छाई रहती है। जिससे अंदाज लगाना सहज है कि बेनीपट्टी में शिक्षा विभाग की संचालित विद्यालयों की हाल क्या होगी। बता दें कि प्रभार वाले बीइओ कृष्णमोहन ठाकुर बेनीपट्टी के स्कूलों के कार्यों का संचालन मधुबनी स्थित वर्षों पुराना अपने आवासीय भवन पर ही बैठकर करते हैं। वह यहीं से बेनीपट्टी और रहिका के कार्यों को देखते हैं। दरअसल, वह रहिका के बीइओ हैं, परंतु लगभग दो वर्ष पूर्व यहां के तत्कालीन बीइओ के स्थानांतरण के बाद उन्हें जिला शिक्षा विभाग ने बेनीपट्टी का प्रभार भी सौंप दिया ,तब से यहां के प्रभार में वही चल रहे हैं।इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेन्द्र मिश्र ने बताया कि मैं जब से आया हूं तब से बीइओ का जिले के प्रखंडों में अभाव देख रहा हूं। बीईओ के कमी के संबंध में विभाग को अवगत कराया गया है।


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