बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी के गम्हरिया गांव में इस वर्ष भी धूमधाम से कृष्णजन्मोत्सव मनाया जा रहा है। गांव में पूजा को लेकर आध्यात्मिक माहौल बना हुआ है। गांव के युवा उत्साह के साथ भगवान कृष्ण की जन्मोत्सवी मनाने में जुटे हुए है। पूजा के दौरान कृष्ण की सभी रुपो का वर्णन करने के लिए समिति के द्वारा वृंदावन श्रीधाम के श्री रामानुज दास को आमंत्रित किया गया है। बताया जा रहा है कि गम्हरिया में कृष्ण जन्मोत्सव पहली बार 1875 में स्व. लत्तर झा के द्वारा की गयी थी। ग्रामीण शिवनाथ झा, पारस झा समेत कई लोगों ने बताया कि 1875 में भयंकर सुखाड़ आया हुआ था। पूरा इलाका सुनसान हो गया था। फिर अचानक बारिश शुरु हो गयी। जो विकराल रुप धारण कर चुकी थी। बारिश कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी। जिसको देख स्व. लत्तर झा ने कृष्ण भगवान की पूजा करने की मन में संकल्प लिया। संकल्प के तहत अपने हाथों से भगवान कृष्ण की मूर्ति का निर्माण कर पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ शुरु कर दी। बताया जा रहा है कि पूजा होते ही अगले दिन बारिश थम गयी। जिसके बाद पूरे ग्रामीण में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की होड़ मच गयी। गम्हरिया में हुए पूजा की एक खास बात ये है कि इस पूजा के दौरान पूरे गांव से प्रसाद पूजा स्थल पर लायी जाती है। शिवनाथ झा ने बताया कि कृष्ण भगवान के जन्म से पूर्व कलाकारों को आमंत्रित कर हर वर्ष भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा, रुक्मिणी, भगवान शंकर, देवकी, बासुदेव, दुर्गा, नंदजी, यशोदा, कंस व महिषासुर की मूर्ति बनायी जाती है। पूजा के पहले दिन जन्मोत्सव, दूसरे दिन पूजनोत्सव व अगले दिन सूर्योदय से पूर्व ही बिसर्जन किया जाने की परंपरा है। इस वर्ष पूजा के समापन पर समिति की और से एक सौ आठ श्रद्धालुओं में गीता पुस्तक के वितरण कराने की योजना है।


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