बेनीपट्टी(मधुबनी)। मानसून के दगा दिए जाने के कारण किसानों की समस्या बढ़ गयी है। बारिश के पानी व बोरिंग से कराए गए पटवन पर जो किसान धान के बीचड़े लगाए है। सभी बिचड़ा सुख कर पीला हो रहा है। किसान बारिश नहीं होने से परेशान है। किसानों के चेहरे की रौनक गायब हो गई है। किसानां की माने तो अगले पांच से दस दिनों के अंदर बारिश नहीं हुई तो सारे बिचड़ा खेत में ही सूख जाएंगे। नदियों के किनारे के खेत को किसान निजी पंपिग सेट के सहारे पटवन कर समस्याओं के बीच बिचड़ा को बचाने में जुटे हुए है। ऐसे किसान भी फसल में लागत अधिक होने की बात कह रहे है। किसान विनय कुमार झा, सुशील झा, जीवन मिश्र, छोटे मिश्र, प्रमोद यादव, प्रभात सिंह समेत कई लोगों ने बताया कि अधिकांश खेतों से कड़क धूप के कारण नमी गायब हो गई है। जो किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है। गौरतलब है कि बेनीपट्टी में गत दस दिनों से बारिश नहीं हुई है। शुरुआती दिनों में बारिश लगातार होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी। किसानों ने जमकर खेत में बिचड़ा गिराया। अब स्थिति ये आ गयी है कि बारिश नहीं होने से किसान हताश हो गए है। गौरतलब है कि बाढ़-सुखाड़ से लगातार किसानों को झेलना पड़ रहा है। कई किसानों ने मानसून के बेहतर संकेत को देखते हुए कर्ज लेकर धान का बिचड़ा लगाया। लेकिन, लगातार बारिश नहीं होने के कारण किसान हतास हो गए है। स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि धान की फसल के लिए निर्धारित लक्ष्य को भी पाना संभव नहीं दिख रहा है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्राणनाथ सिंह ने बताया कि विभाग की और से इस वर्ष 9724 हेक्टेयर में धान की बुआई करने का लक्ष्य निर्धारित की गयी है। वहीं बीएओ ने बताया कि मानसून के कमजोर होने के कारण धान के बिचड़ा को बचाना काफी मुश्किल है।


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