चुनावी सरगर्मी के बीच बेनीपट्टी विधानसभा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसके अनुसार महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस अब तक इस सीट पर प्रबल दावेदारी दे रही थी। बेनीपट्टी सीट कांग्रेस के हिस्से में आएगी इसकी संभावना को इस बात से भी बल मिल रहा था कि पूर्व में कांग्रेस इस सीट से चुनाव जीतती भी रही है। लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार राजद भी बेनीपट्टी सीट पर बड़ी दावेदारी के साथ जोर लगा रही है।
राजद के प्रदेश नेतृत्व के हवाले से मिली खबर के अनुसार कांग्रेस अपने शर्तों पर बेनीपट्टी सीट को छोड़ सकती है। मधुबनी जिले में हरलाखी व फुलपरास सीट कांग्रेस के हिस्से में आना लगभग तय है। ऐसे में राजद के तरफ से बेनीपट्टी सीट पर राजेश कुमार यादव की दावेदारी प्रबल है। इस बाबत राजेश कुमार यादव ने भी बताया है कि पार्टी के तरफ से संकेत मिले हैं, पार्टी ने तलब किया है व आगे पार्टी के आदेश अनुसार काम किया जायेगा।
जानकारी हो कि राजेश कुमार यादव पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गये थे, जिसका खामियाजा महागठबंधन को उठाना पड़ा था व कांग्रेस के उम्मीदवार को मिली हार के वजहों में एक वजह राजेश यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ना भी था।
राजद नेता राजेश यादव पूर्व जिला परिषद के सदस्य भी रहे हैं व वर्तमान में इनकी पत्नी सोनी देवी बेनीपट्टी प्रखंड की प्रमुख हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से बागी होकर चुनाव लड़ने के कारण राजेश यादव पर पार्टी ने अनुशासन विरुद्ध काम करने का आरोप लगाते हुए निष्कासन की कार्रवाई की थी। वहीं हाल के वर्षों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का जब बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र के कटैया गांव में एक मामले में आगमन हुआ था तो उस कार्यक्रम के संयोजन की मुख्य भूमिका में राजेश यादव थे। ऐसे में संभावना अधिक है कि अगर बेनीपट्टी सीट राजद के खाते में जाती है तो राजेश यादव बेनीपट्टी से उम्मीदवार हो सकते हैं।
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