बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर में फर्जी शिक्षकों की बहाली कर अवैध तरीके से वेतन भुगतान के मामले के मुख्य आरोपी पूर्व बीईओ उमेश बैठा एक नए मामले में फंस गये है। मधवापुर के पूर्व बीईओ बैठा पर 90 लाख रुपये के निकासी मामले में नामजद किया गया है। हैरत है कि ये सारा रकम आरोपी बीईओ सेवानिवृत होने के बाद निकासी कराई है। दरअसल, भारी निकासी का मामला कुछ दिनों से सुर्खियां बटोर रही थी। जिसके बाद डीईओ ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करा डीपीओ विदयानंद ठाकुर को प्राथमिकी कराने का निर्देश दिया था। मधवापुर के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि डीपीओ ने इस मामले में सेवानिवृत बीईओ के साथ अन्य छह लोगों को आरोपित किया गया है। जिसमें दो ड्राइवर भी शामिल है। गौरतलब है कि मधवापुर में फर्जी शिक्षकों की बहाली व वेतन भुगतान के मामले का दैनिक सन्मार्ग ने जब खुलासा किया तो डीएम के आदेश पर गठित जांच टीम के रिपोर्ट के आधार पर मधुबनी के नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। उक्त मामले में पुलिस ने इस कदर सुस्ती दिखाई कि कांड के मुख्य आरोपी बीईओ आराम से मधवापुर में सरकारी कार्यो का अंजाम देते रहे। मीडिया में पुनः खबर प्रकाशित होने के बाद डीईओ ने मुख्यालय में योगदान करने का निर्देश पत्र जारी कर दिया। बावजूद, पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकी। जानकारी के अनुसार उक्त मामले में उमेश बैठा फिलहाल जमानत पर है। इस संबंध में उमेश बैठा का पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन, संपर्क स्थापित नहीं हो सका। वहीं अन्य आरोपियों का कहना है कि राशि निकासी के लिए एक मात्र बीईओ अधिकृत हैं। उन लोगों को एक साजिश के तहत फंसाया गया है। कोर्ट में वे लोग मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।