बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्रखंड के बाढ़ग्रस्त पंचायत में शुमार मेघवन में बाढ़ सुरक्षा दीवाल के निर्माण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की जा रही है। अनियमितता का आलम ये है कि सुरक्षा दीवाल के निर्माण में न तो कहीं ढलाई किया गया है, न ही छड़ का प्रयोग किया गया है। वहीं योजना की राशि को गटकने के लिए घटिया स्तर से ईंट के टुकड़े से काम किया जा रहा है। योजना पूर्ण होने से पूर्व ही योजना की पलीता लगना शुरु हो गया है। मामला, मेघवन के भगवती मंदिर परिसर में कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षा दीवाल का है। ग्रामीणों की शिकायत पर स्थल पर पहुंचे तो कुछ ग्रामीण व राजमिस्त्री कार्यस्थल पर नजर आये। राजमिस्त्री ने बताया कि सुबह छह बजे से ग्यारह बजे एवं तीन बजे से छह बजे तक निर्माण कार्य किया जा रहा है। राजमिस्त्री ने बताया कि निर्माण कार्य मुखिया के द्वारा कराए जा रहे है। वहीं गुणवत्ता के संबंध में राजमिस्त्री से पूछा गया तो उन्होंने ईंट के टुकड़ें इस्तेमाल किए जाने पर चुप्पी साध ली। जबकि, कार्यस्थल पर घटिया स्तर के ईंट के टुकड़े पड़े हुए थे। योजना स्थल पर बोर्ड नहीं अधिष्ठापन होने से योजना के संबंध में जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि, सूत्रों की माने तो योजना चौंदहवीं योजना के तहत किए जा रहे है। उधर, आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने एसडीएम व बीडीओ को आवेदन देकर पूरे योजना की जांच कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि इस योजना के संबंध में मुखिया से जानकारी लेने पर मुखिया के द्वारा गाली-गलौज किया जाता है। वहीं अफसरों के मेल से योजना संपादित किए जाने की बात कही है। ग्रामीणों ने शमशान में हुए मिट्टीकरण योजना के जांच कराने की भी बात कही है। इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि अभी उनके समक्ष आवेदन नहीं आये है। आवेदन मिलने पर निश्चित रुप से योजना की जांच कराई जाएगी। दोषी पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुखिया ने बताया कि योजना विभागीय दिशा-निर्देशानुसार कराया जा रहा है। इसमें अनियमितता नहीं की जा रही है। ग्रामीण राजनीति के तहत उन पर आरोप लगाये जा रहे है।


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