बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर में हुई फर्जी शिक्षक बहाली मामले की जांच के लिए गठित जांच टीम के द्वारा फर्जीवाड़ा की जांच नहीं शुरु की गयी है। जांच टीम को डीपीओ ने करीब एक सप्ताह पूर्व ही शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए भेजे गए एडवाईस की कॉपी उपलब्ध करा दी है। बावजूद, अभी तक कोई पहल नहीं दिख रही है। जांच टीम के द्वारा जांच नहीं शुरु किए जाने से आन्दोलनकारी शिक्षकों में निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है। आन्दोलनकारी इस मामले की जल्द जांच किए जाने की मांग जांच टीम से की है। उधर, एसडीएम ने एडवाईस कॉपी उपलब्ध होने की पुष्टि करते हुए बताया कि कागजात का सत्यापन शुरु कर दिया गया है। जांच कई पहलूओं पर की जाएगी। उधर, फर्जी शिक्षकों की बहाली के संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद पूरे मधवापुर में हलचल तेज हो गयी है। सूत्रों ने बताया कि कई स्कूल प्रभारी अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी शुरु कर दी है। एक और जहां शिक्षकों की दो-दो उपस्थिति पंजी संधारित हो रही थी, वहीं अब कई स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति पंजी भी दुरुस्त की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि कई फर्जी शिक्षक जांच टीम के गठन होने के बाद भी स्कूल से नदारत हो गए है। आरटीआई एक्टिविस्ट विश्वनाथ सहनी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर लगातार गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब शिक्षक 2010 के बहाली है, तो फिर शिक्षकों को 2010 में वेतन क्यूं नहीं दिया गया। वैसे शिक्षकों ने दक्षता परीक्षा अथवा कोई प्रशिक्षण क्यूं नहीं किया। उन्होंने बताया कि पूरे मामले को लेकर जल्द ही वे कोर्ट व निगरानी के पास जाएंगे। उधर, सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एक अन्य अधिकारी भी लपेटे में आएंगे। जिनके स्तर पर लगातार फर्जी आदेश पत्र जारी कर शिक्षकों की बहाली की है। गौरतलब है कि मधवापुर में करीब एक सौ अठारह शिक्षकों की फर्जी बहाली किए जाने का मामला सामने आ रहा है। आन्दोलनकारियों के द्वारा अब तक चौंतीस शिक्षकों को नाम सार्वजनिक किया गया है। इस मध्य डीपीओ स्थापना का एक पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि मधवापुर में फर्जी तरीके से वेतन भुगतान कराया गया है। डीपीओ ने पत्र जारी करने की पुष्टि कर बताया कि मधवापुर में गड़बड़ी की गयी है।


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