बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर में हुए कथित फर्जी शिक्षक नियोजन धीरे-धीरे सतह पर आ रहा है। शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ के एक पत्र से स्पष्ट हो रहा है कि मधवापुर में भारी पैमाने पर शिक्षकों का फर्जी नियोजन किया गया है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों ने फर्जी शिक्षकों को वेतन भुगतान के लिए नियोजित शिक्षकों से अधिक शिक्षकों का एडवाइस बना कर वेतन का भुगतान कराया है। जिसका उल्लेख डीपीओ के पत्र से सामने आ रहा है। डीपीओ स्थापना ने मधवापुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण करते हुए पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ प्रपत्र(क) गठित कर वित्तीय गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। डीपीओ ने बीइओ से प्रखंड में पदस्थापित नियोजित शिक्षकों के पदस्थापन विवरणी के साथ स्पष्टीकरण का जवाब तलब किया है। डीपीओ ने पूछे गए स्पष्टीकरण में साफ किया है कि मधवापुर में प्रखंड शिक्षक-211 है तो पंचायत शिक्षकों की संख्या-264 है तो फिर 2018 के मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर के वेतन विपत्र में 232 प्रखंड शिक्षक और 282 पंचायत शिक्षक कैसे हो गए। वही 2018 के अक्टूबर ओर नवम्बर माह में 221 प्रखंड शिक्षक और 264 पंचायत शिक्षक कैसे हो गए। डीपीओ ने बताया है कि आपका कृत विभागीय आदेश के उल्लघंन सहित अनियमितता कर वित्तीय गबन को प्रमाणित करता है। क्यों नहीं इस आरोप में कार्रवाई की जाए। हालांकि, ये स्पष्टीकरण डीएम के द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम के गठन से पूर्व का है। परंतु, उक्त पत्र से स्पष्ट हो रहा है कि मधवापुर में नियोजित शिक्षकों से अधिक शिक्षकों की एडवाइस सूची समर्पित कर अवैध तरीके से वेतन भुगतान कराया जा रहा था। गौरतलब है कि मधवापुर में फर्जी तरीके से शिक्षक बहाली के मुद्दे को लेकर कुछ सामाजिक संगठन व स्थानीय लोग आंदोलनरत है। हरलाखी के सोनई गांव के रवि झा ने गत दिन पूर्व इस मुद्दे को लेकर आत्मदाह तक कि घोषणा कर दी थी। वही एक दर्जन से अधिक लोगों ने फर्जी बहाली को जांच कराने के लिए जिलाधिकारी सहित निगरानी विभाग को आवेदन दिया था। डीएम ने मामले की गंभीरता को देख बेनीपट्टी एसडीएम मुकेश रंजन के अध्यक्षता में जांच टीम गठित की थी। जिसमें डीईओ व बेनीपट्टी एसडीपीओ शामिल है। उधर, एसडीएम ने जांच को आगे बढ़ाते हुए डीपीओ को पत्र भेजकर वेतन एडवाइस की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा था। जानकारी के अनुसार डीपीओ ने एडवाइस कॉपी भेज दी है। बता दे कि पूरे मामले की जांच हुई तो इस मामले में कई सफेदपोश के साथ कई सरकारी कर्मी लपेटे में आएंगे। उधर, डीपीओ स्थापना राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि मधवापुर बीईओ ने स्पष्टीकरण लेने से इंकार कर दिया। फिलहाल, वे पटना में है। गुरुवार को मधुबनी पहुंच कर बीईओ को पुनः स्मार पत्र दिया जाएगा। वहीं गड़बड़ी के संबंध में डीपीओ ने माना कि गड़बड़ी हुई है, लेकिन, बीईओ को पक्ष देने का मौका दिया जाएगा। उपरांत काररवाई की जाएगी।


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