बेनीपट्टी(मधुबनी)। मिथिलाचंल को आदिकाल से स्वर्ग से भी सुंदर कहा गया है। मिथिला के कण-कण में भगवान है। जिस मिथिला में एक से बढ़कर एक देवी-देवताओं का आगमन हुआ, कई महाव विद्वान जन्म लिए, आज वहीं मिथिला चंद समस्याओं के कारण अपना वजूद खो रहा है। जिसे देख कर काफी दुख हो रहा है। मिथिला में आय बढ़ाने के कई साधन होने के बाद भी क्षेत्र के युवा पलायन को विवश है। जब तक युवाओं के पलायन पर ठोस पहल नहीं किया जाएगा, तब तक ये क्षेत्र विकसित नहीं हो सकेगा। ये बातें समाजसेवी अभिजीत सिंह उर्फ लाल भाई ने नगवास में प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा। श्री सिंह ने कहा कि कपिल मुनि का कपिलेश्वर महादेव मंदिर हो या अहिल्या स्थान, किसी भी धार्मिंक स्थल का विकास नहीं हो रहा है। उच्चैठ मंदिर के जमीन को अतिक्रमण कराया गया है। गिरिजा स्थान का भी समुचित विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को सर्किंट के बजाए सभी धार्मिंक स्थलों को धर्म स्थल घोषित कर विकास करना चाहिए, ताकि युवाओं को रोगजार मिले। इससे पूरे विश्व के लोग यहां आकर धर्मस्थल देख सकते है। श्री सिंह ने पुनौराधाम को विकास के लिए मिले 70 करोड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उक्त राशि से क्या कार्ययोजना है, इसे तो जनता के सामने लाना चाहिए। इतनी राशि में तो भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा सकता है। वहीं श्री सिंह ने कहा कि उनके द्वारा हाल ही में गिरिजास्थान कष्टहरिणी तालाब के अंदर भिंडा को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा दिवाल का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि आज मिथिला को समुचित विकास के लिए सतत प्रयास किए जाने की जरुरत है। मिथिला से मिथिलाक्षर विलुप्त हो गयी थी, जिसे बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास के दायरे को बढ़ाने की जरुरत है। ताकि, हमारी सभ्यता व संस्कृति आने वाले भविष्य के लिए सुरक्षित रहें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मिथिला में रहने वाले सभी धर्म के लोग मिथिलाचंल वासी है। इसके विकास के लिए सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है। मौके पर नगवास पंचायत के पूर्व मुखिया राकेश कुमार सिंह उर्फ रिक्की सिंह मौजूद थे।


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