बेनीपट्टी(मधुबनी)। नेपाल में हुए बारिश के बाद अधवारा समूह के सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। वही, रविवार के सुबह हुई भारी बारिश से नदियों का जलस्तर अप्रत्याशित ढंग से बढ़ रहा है। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बाढ़ की संभावना बढ़ गयी है। बाढ़ से प्रारंभिक बचाव के लिए लोग अभी से ही रशद व अन्य दैनिक वस्तुओं का संग्रह करने में जुट गए है। उधर नदियों के बढ़ रहे जलस्तर से किसान चिंतित हो गया है। किसानों को आशंका है कि इस वर्ष अगर बाढ़ आई तो फिर खेती से नुकसान झेलना होगा। बांध के मरम्मति में हुए खानापूर्ति से किसान अलग ही नाराज दिख रहे है। किसानों ने बताया कि बांध के मरम्मति में हुए अनियमितता से वे लोग काफी परेशान है। नदियों के जलस्तर बढ़ने पर नदियों का पानी सीधे उनलोगों के खेतों में प्रवेश कर जाएगी । जिससे रोपनी भी प्रभावित हो जाएगी। गौरतलब है कि बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिमी भूभाग में अधवारा समूह के करीब आधा दर्जन नदियों का जाल फैला हुआ है। जिसमें खिरोई व धौंस नदी सबसे अधिक क्षति करती है। वही अन्य ककुरा, रातो, बुढनद समेत कुछ नदियां महज नाले के रूप में तब्दील हो जाने के कारण कम ही नुकसान करती है। इन नदियों से सुरक्षा के लिए इस वित्तीय वर्ष में करीब साढ़े छह करोड़ की राशि खर्च कर जमींदारी बांध की मरम्मति की गई है। जिसमें व्यापक पैमाने पर अनियमितता की गई है। नदियों के तलहट से बालू युक्त मिट्टी से बांध की मरम्मति कर दी गयी है। वही गत वर्ष के टुटानी स्थलों पर बिना जाल लगाए बोरा में मिट्टी डाल कर रख दी गयी है। जिससे लोगों में और आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने बताया कि जाल में बोरा-मिट्टी देने से मजबूत सपोर्ट मिलता है। बिना जाल बोरा देने से पुनः पानी के बहाव में बोरा ही बह जाएगा। शिवनगर के समाजसेवी सह मैरीन चीफ इंजीनियर विनोद शंकर झा लड्डू ने बताया कि विभाग के लापरवाही से इस बार भी किसानों को फसल से हाथ धोना पड़ सकता है। वही दूसरी ओर मकिया से उत्तर वाटरवेज बांध की मरम्मति नहीं होने से करीब आधा दर्जन गांव के लोग भयभीत है। इस संबंध में एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि नदी के बढ़ते जलस्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारी किए जाने का दावा कर रही है।