बेनीपट्टी(मधुबनी)। आपदा के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी जर्जर भवनों में सरकारी कार्यालय का संचालन किया जा रहा है। भवन इस कदर जर्जर हो गई है कि आईसीडीएस केन्द्र भवन कब गिर जाएगा, कहना मुश्किल है। बावजूद, विभाग भवन के निर्माण के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है। भवन के कई कमरों का दरबाजा के साथ खिड़की भी बर्बाद हो चुकी है। वहीं भवन में कही भी शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण बैठक अथवा प्रशिक्षण के लिए आए सेविकाओं व सहायिकाओं को शौच के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभागीय कर्मी की माने तो उक्त भवन के नीचे काम करने में काफी भय का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि, मधुबनी जिला भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में है। गौरतलब है कि जिस भवन में फिलवक्त बाल विकास परियोजना का कार्यालय संचालित हो रहा है। उक्त, भवन का निर्माण स्वास्थ्य विभाग ने कालाजार वार्ड यूनिट के लिए कराया था। परंतु, विभागीय दांव-पेंच में फंस जाने के कारण कालाजार वार्ड यूनिट का चालू नहीं होने की दशा में बर्बाद हो रहे भवन में वर्ष-2007 में बाल विकास परियोजना का कार्यालय संचालन के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने आदेश दिया। डीएम के आदेश के बाद उक्त भवन में आईसीडीएस कार्यालय शिफ्ट हो गया। उधर, आईसीडीएस विभाग के कर्मियों की माने तो विभागीय भवन नहीं होने के कारण भवन की मरम्मति अथवा रंग-रोगन के लिए राशि प्राप्त नहीं होती है। जिसके कारण भवन अत्यधिक जर्जर हो गया है। कर्मियों ने बताया कि सेविकाओं की बैठक में अफरातफरी के माहौल में अत्यधिक डर होता है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीडीपीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि विभाग के वरीय अधिकारी को भवन की स्थिति के संबंध में रिपोर्ट की जा चुकी है। विभाग से निर्देश मिलने पर ही कुछ किया जा सकता है।


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