बेनीपट्टी(मधुबनी)। जनप्रतिनिधियों के उपेक्षाओं के कारण आज भी कई ग्रामीण इलाकों में सड़कों का नामोनिशान नहीं है। जबकि बिहार सरकार सभी सुदूर ग्रामीण इलाकों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर सड़को का जाल बिछाने का दावा करती है। लेकिन, धरातल पर आज भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। प्रखंड के सलहा पंचायत के अधवारी गांव सड़क के अभाव के कारण आज भी विकास से कोसों दूर है। ग्रामीण पथ के अतिजर्जरता के कारण लोगों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासकर आपात स्थिति आने पर लोगों की परेशानी चरम पर पहुँच जाती है। बता दे कि उक्त गांव में प्रवेश करने के लिए भी जहां सड़क नहीं है, वही गांव के अंदरूनी इलाकों में सड़क के नाम पर वर्षों से अतिजर्जर खरंजायुक्त पथ है। जिसे दोनों भागों से अतिक्रमण कर लिया गया है। पथ की स्थिति ऐसी है कि भारी वाहन गांव में प्रवेश नहीं कर पाते है। जिससे गांव की स्थिति का अंदाजा लगाना सहज है। ग्रामीण शिवधारी लाल दास, फिरन दास, रामदेव मंडल, मुकेश यादव सहित कई लोगों ने बताया कि बारिश के मौसम में गांव से निकलने में भी परेशानी होती है। प्रसव के लिए महिलाओं को भी बाहर ले जाने में समस्या होती है। गौरतलब है कि हरलाखी विधानसभा क्षेत्र के सलहा के अधवारी गांव में करीब दस हजार की आबादी है। जो वर्षो से आवागमन की समस्या से त्रस्त है। गांव के आवागमन के लिए करीब बीस वर्ष पूर्व निर्मित खरंजायुक्त सड़क बर्बाद हो गयी है। गांव के मुहाने पर निर्मित पुलिया का एप्रोच पथ नही  होने से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। गांव के लोगों ने सड़क के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन परिणाम आज भी शून्य ही है। जिला परिषद् सदस्य शोभा भारती ने बताया कि अधवारी के विकास के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। जिप से हरसंभव सहयोग कर विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जाएगा।


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