बेनीपट्टी (मधुबनी)। आपदा के प्रति जागरुक एवं उसके प्रभाव से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाय करना ही बुद्धिमानी है। आपदा कई स्वरुप में है। जिससे प्रभाव से बचने के लिए प्रशिक्षण के साथ आम लोगों का जागरुक होना अहम है। एसडीएम मुकेश रंजन ने सोमवार को प्रखंड के ई किसान भवन के सभागार में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा। एसडीएम ने कहा कि बिहार प्रदेश बहु-आपदा प्रवण राज्य है। जहां प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाएं घटित होती है। जिससे अधिकतर भू-भाग प्रभावित होता रहता है। भूकंप, ओलावृष्टि, चक्रवाती तूफान, नौका दुर्घटना, वज्रपात, अग्निकांड, सड़क दुर्घटना जैसी कई आपदाएं हमेशा होती रहती है। इस आपदाओं से बचाव के लिए जागरुक होना बहुत आवश्यक है। एसडीएम ने कहा कि आपदाओं के प्रति पंचायत प्रतिनिधियों को भी जागरुक एवं प्रशिक्षित होना जरुरी है। इससे पूर्व एसडीएम मुकेश रंजन व सीओ पुरेन्द्र कुमार सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अंचलाधिकारी पुरेन्द्र कुमार सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भूकंप जोन के सबसे खतरनाक जोन में मधुबनी जिला है। वहीं बेनीपट्टी में अक्सर बाढ़ जैसी आपदाएं भी आती है। इन आपदाओं से बचाव के लिए जागरुक होने के साथ प्रशिक्षित होना जरुरी है। भूकंप के झटके महसूस करते ही भागने के बजाय किसी टेबुल के नीचे सिर छुपाना ही बेहतर होता है। इस दौरान खुले में रहने पर ये ध्यान देना अहम होता है कि उपर बिजली का तार, समीप पोल अथवा पेंड़ न हो, जिससे जान जाने का खतरा बना रहे। प्रशिक्षण के लिए आए पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण लाल नारायण सिंह व नंदलाल यादव ने दिया। मौके पर मनोज कुमार सिंह, कमल कुमार झा, कौशल कुमार झा कमल बैठा, कुमारी रीता गुप्ता, लोकनाथ झा, सुनील कुमार मिश्र, अशोक कुमार व ब्रजेश कुमार मिश्रा समेत कई पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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