बेनीपट्टी(मधुबनी)। केन्द्र व राज्य सरकार गांव के गरीब किसान व मजदूरों के मुद्दो को नजरअंदाज कर रही है।जिसके कारण आज देश से लेकर राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है।रोजगार के साधन मुहैया नहीं कराया जा रहा है।देश में हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को अधिक हवा दिया जा रहा है। गुरुवार को 14 सूत्री मांग को लेकर भाकपा (माले) की धरना को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता धीरेन्द्र झा ने कही। श्री झा ने कहा कि बाढ़ राहत पुनर्वास, फसल क्षति का मुआवजा, दलित गरीबों को पांच डिसमिल जमीन नहीं मुहैया कराया जा रहा है।श्री झा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार आज देश पर बोझ बन गयी है। देश की अर्थव्यवस्था को अंधेरे में धकेल दिया है।वहीं श्री झा ने सीएम नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान कर बीजेपी के साथ जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता के सवालों से भागने के लिए नीतीश कुमार लगातार नौटंकी कर रहे है।वहीं जिला सचिव धु्रवनारायण कर्ण ने राज्य सरकार से पूरे जिले को बाढ़ग्रस्त जिला घोषित कर सभी पीड़ितों को राहत देने की मांग की। श्री कर्ण ने बटाईदारों को भी फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग की।इससे पूर्व भाकपा (माले) के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने बाजार के लोहिया चौक से नारेबाजी करते हुए अनुमंडल तक जुलूस निकाली।अनुमंडल परिसर में पहुंचते ही सभा में तब्दील हो गयी।उपरांत माले के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल ने पदाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपकर बाढ़ राहत कार्य में तेजी लाने की मांग की। धरना में अनुमंडल प्रभारी अनिल कुमार सिंह, किसान महासभा के प्रेम कुमार झा, नारायण सहनी, महेश चौधरी, अरुण सदाय, गोपाल यादव, सदरे आलम सहित कई लोगों ने संबोधित किया।